ताजा समाचार

ममता बनर्जी फिल्मी सितारों के साथ देगी भाजपा को चुनाव में टक्कर,जानिए कौन-कौन है मैदान मेें

सत्य खबर,नई दिल्ली ।

पश्चिम बंगाल की मिट्टी में जन्में ऐसे फिल्म कलाकारों और बुद्धिजीवियों की कमी नहीं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से अखिल भारतीय स्तर पर ख्याति पाई है और देश की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया है. देविका रानी से लेकर अशोक कुमार, हेमंत कुमार, सत्यजित राय, सौमित्र चटर्जी, सुचित्रा सेन, मृणाल सेन या फिर ऋतुपर्णो घोष- ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने कला की दुनिया में बंगाल का गौरव बढ़ाया. कला के प्रति इनके समर्पण की सबसे बड़ी खूबी ये थी कि राजनीतिक तौर पर अत्यंत जागरूक होकर भी इन्होंने सीधे तौर पर सक्रिय राजनीति में शिरकत करने से परहेज किया. लेकिन आज के बंगाल में विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का चुनाव जिस तरह राजनीति बदल गई, उसी तरह फिल्मी कलाकारों के मिजाज भी बदल गए. खास बात ये कि इस रेस में कोई दल किसी से पीछे नहीं रहना चाहता.

Punjab News: रात के सन्नाटे में गूंजे धमाके जलंधर गांव में दहशत का माहौल! क्या जालंधर अब सुरक्षित नहीं?
Punjab News: रात के सन्नाटे में गूंजे धमाके जलंधर गांव में दहशत का माहौल! क्या जालंधर अब सुरक्षित नहीं?

पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिल्मी सितारों की वैसी परंपरा नहीं रही,जैसी दक्षिण भारत में. दक्षिण में सिनेमा और राजनीति गाड़ी के पहियों की तरह साथ-साथ चली है, जिसका अपना इतिहास रहा है, करुणानिधि, एनटीआर, एमजीआर या जयललिता; राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन से इन सितारों का सीधा संबंध रहा, जिसके बाद इन्होंने राजनीति का नेतृत्व किया और सरकार बनाई लेकिन बंगाली परिवेश हो या हिंदी पट्टी, यहां फिल्मी सितारों को राजनीतिक दलों ने जीत की गारंटी या एक सीट के इजाफे से बढ़कर नहीं समझा गया. पश्चिम बंगाल में खासतौर पर बीजेपी और टीएमसी ने जिस तरह से राजनीति के मैदान को फिल्मी सितारों से सजाया, वह इसी आशय की ओर बखूबी इशारा करता है.

बंगाल में क्यों आए ‘बिहारी बाबू’?

Punjab News: बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन के पास धमाका रेड अलर्ट में बदला शहर! गांवों में छाया डर का माहौल
Punjab News: बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन के पास धमाका रेड अलर्ट में बदला शहर! गांवों में छाया डर का माहौल

2024 के लोकसभा चुनाव को देखें तो टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर चुनावी मैदान में सितारों को सजाया है. यहां तक कि उन्होंने इसे जाहिर करने की भी कोशिश की है कि ये सितारे उनकी पार्टी के नगीने हैं. कभी बीजेपी फिर कांग्रेस तो अब टीएमसी में आए ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल में गरज रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने उनके सामने अपने पुराने दिग्गज नेता और स्थानीय चेहरा एसएस अहलूवालिया को उतार दिया है, लिहाजा यहां कौन किसको ‘खामोश’ करेगा, इसका पता तो चार जून को ही चलेगा. देखना है बंगाल की धरती पर भी ‘बिहारी बाबू’ का जादू चलता है या नहीं.

Back to top button